बस्ती, 05 जुलाई। जनपद के कुदरहा विकास क्षेत्र के पसड़ा गांव में ग्राम प्रधान ने फर्जीवाड़ा कर करीब ढाई लाख रूपया डकार लिया। इस मामले में तहसील दिवस में की गई शिकायत को नजरअंदाज कर अधिकारी दोषी प्रधान को बचाने के लिये फर्जीवाड़े पर परदा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
जबकि एडीओ पंचायत सुबाष चन्द्र की जांच में प्रधान पर लगे आरोप पुष्ट पाये गये हैं। इसी को आधार मानकर बीडीओ ने डीपीआरओ को अपनी आख्या भेजी है, किन्तु पूरा का पूरा तंत्र प्रधान के साथ खड़ा है और शिकायतकर्ता को हतोत्साहित करने में जुटा है। आपको बता दें 17 जून 2023 को आयोजित तहसील दिवस में पसड़ा गांव के शिवदेव पुत्र रमेशचन्द्र ने प्रभारी अधिकारी को शिकायती पत्र देकर कहा कि ग्राम प्रधान निर्मला देवी ने विफई के खेत के पास ह्यूम पाइप पुलिया निर्माण का काम दिखाकर 5 वें राज्य वित्त आयोग के बजट से 1,45,779 रूपया निकाल लिया।
पुनः इसी काम पर 63,409 रूपया निकाल लिया। जबकि प्रधान ने मौके पर कोई काम नही कराया है। इसी क्रम में पसड़ा गांव के रामसजीवन पुत्र भोला ने भी तहसील दिवस प्रभारी को 17 जून को ही शिकायती पत्र देकर गजेन्द्र के खेत के पास ह्यूम पाइप पुलिया निर्माण का काम दिखाकर 15 वें वित्त से तीन बार में कुल 54,605 रूपया निकाल लिया। जबकि मौके पर कोई निर्माण कार्य नही पाया गया। एडीओ पंचायत की जांच में दोनो शिकायतें पुष्ट पाई गईं।
एडीओ की आख्या प्रस्तुत करते हुये बीडीओ ने इस मामले की जांच जिला स्तरीय कमेटी से कराने की सिफारिश करते हुये जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र लिखा है। इस मामले में कई बार फोन करने के बाद डीपीआरओ ने बात किया, उन्होने मामले के प्रति अज्ञानता जाहिर करते हुये कहा दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी। कुल मिलाकर प्रधान निर्मला देवी ने 2,63,793 रूपया बगैर काम कराये विभागीय अफसरों को गुमराह कर निकाल लिया।
अब तहसील दिवस में शिकायत पहुंचने और जांच शुरू होने के बाद आनन फानन में अपनी गरदन बचाने के लिये प्रधान का पुरा कुनबा जेसीबी लेकर मौके पर ह्यूम पाइप पुलिया का निर्माण कराने में जुट गया। या यूं कहें कि विभाग के अधिकारी जांच के नाम मामले को लम्बित रखकर प्रधान को भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा छिपाने का मौका दे रहे हैं। यही कारण है कि तमाम कोशिशों के बाद भी भ्रष्टाचार कम नही हो रहे हैं क्योंकि जिनके ऊपर लगाम कसने की जिम्मेदारी है वे ही भ्रष्टाचार पर परदेदारी कर रहे हैं। सवाल ये है कि मौके पर प्रधान निर्माण करवा दे तो क्या उसे क्लीनचिट दे देनी चाहिये ?