बनकटी, बस्ती (बीपी लहरी) विभागीय गठजोड़ से एक महिला शिक्षक बगैर ड्यूटी किये वर्षों से तनख्वाह ले रही है। मामला बनकटी ब्लाक का है। व्यवस्था का ऐसा मजाक वही उड़ा सकता है जो अधिकारियों के हाथ बांध सके। बीते 16 अगस्त को मीडिया दस्तक की पड़ताल में पाया गया कि बनकटी ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गूदी में प्रधानाध्यापिका कंचन लता के अलावा महिला शिक्षा मित्र लालधारी यादव मौजूद मिलीं।
स्कूल परिसर में सफाई के अभाव में गन्दगी का साम्राज्य कायम है। आवश्यकतानुसार मिट्टी की पटाई न होने से मामूली सी बारिश में भी परिसर में पानी भर जाता है। स्कूल में एक इन्डिया मार्का हैंडपंप प्रदूषित पानी उगल रहा है। रसोइया रीता व सुशीला देवी मिड्डे मील में तहरी तैयार कर रही थीं। पूंछने पर प्रधानाध्यापिका ने बताया कि पंजीकृत बच्चों की संख्या 51 है लेकिन 22 ही बच्चे आज मौजूद हैं। जबकि पिछले वर्ष पंजीकृत बच्चों की संख्या 60 थी। यह भी बताया कि सहायक महिला शिक्षक शोभासिंह अवकाश पर हैं। जो जुलाई में स्कूल आई थी।
जबकि ग्राम प्रधान ने पूंछने पर बताया कि सहायक महिला शिक्षक कभी स्कूल आती ही नहीं है। उनका देवर कभी कभार स्कूल आकर रजिस्टर में उनकी दस्तखत बना देता है। इस मामले में नाम न छापने की शर्त पर अनेक ग्रामीणों ने बताया कि सहायक महिला शिक्षक को स्कूल आते जाते कभी किसी ने देखा तक नहीं है। महिला शिक्षक सरकार की व्यवस्था को बदनाम व गुमराह भी कर रही है। इसमें विभागीय अधिकारियों के साथ प्रधानाध्यापिका की साजिश होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। आरोपों के मामले में खन्ड शिक्षाधिकारी अरुण कुमार यादव ने कहा कि मामले की शीघ्र ही जांच शुरू करुंगा।
लेकिन उन्होंने कोई दिन जांच हेतु निर्धारित नहीं किया। सवाल उठ रहा है कि जब शोभा सिंह लगातार अनुपस्थित हैं तो प्रधानाध्यापिका ने शोभा सिंह को गैरहाजिर करके मामले की सूचना विभाग को आज तक क्यों नहीं दिया। क्या अनुपस्थित होने पर शोभा सिंह के देवर व उनके सगे समबन्धियों को उपस्थित पंजिका देकर उस पर हस्ताक्षर कराना नियम विरुद्ध नहीं है ?महिला शिक्षक की मनमानी अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है, शोभा सिंह ने किन शर्तो पर प्रधानाध्यापिका और विभागीय अफसरों की जुबान बंद कर रखा है यह जांच का विषय है।.