यूपी में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 15 मई से लेकर अब तक 5393 डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट डेंगू पाजिटिव आ चुकी है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो यूपी में 219 नए मरीज सामने आए हैं। महानगरों के साथ ही अब छोटे जिलों में भी रोज 15-20 मरीज मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा केस लखनऊ में (24) हैं। इसके बाद रामपुर (22) और फिर गौतमबुद्ध नगर (21) में केस मिले हैं।
लोगों में बिना फीवर के प्लेटलेट तेजी से गिर रहे हैं। बस्ती जनपद मुख्यालय पर स्थित श्रीकृष्णा मिशन मल्टी स्पेशिलटी हॉस्पिटल में सेवायें दे रहे फिजीशियन डा. पी.पी. मिश्रा ने बताया कि कि आमतौर पर डेंगू का असर 7 से 10 दिन तक रहता है। यदि मरीज में डेन 2 वायरस है, तो यह बेहद गंभीर रूप ले लेता है। डेन 2 वायरस में ब्लड वेसल से प्लाज्मा लीकेज होना शुरू हो जाता है। इनके बीच का टिश्यू स्पेस कम हो जाता है। जिसके चलते ब्लड प्रेशर में तेजी से गिरावट होती है।
इसका असर ये होता हैं कि संक्रमित तेजी से शॉक में चला जाता है। प्लेटलेट की संख्या भी तेजी से कम होने लगती है। साथ ही शरीर में पानी की भारी कमी के चलते इंटरनल ब्लीडिंग भी शुरू हो सकती है। इस दौरान मरीज को वैंटिलेटर पर रखना पड़ सकता है। डेन 2 वायरस में 50 से 60 प्रतिशत तक मोर्टेलिटी रेट माना जाता है। डा. पीपी मिश्रा ने बताया कि डेंगू 4 प्रकार का होता है। पहला डेन 1, दूसरा डेन 2, तीसरा, डेन 3 और चौथा डेन -4 है। उन्होंने कहा कि इनमें से सबसे खतरनाक टाइप 2 यानी डेन 2 डेंगू वायरस है।
क्या करें
डा. पी.पी. मिश्रा ने कहा कि डेंगू के लक्षण शरीर में दिखे तो तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लें। कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। खासतौर पर बच्चों के लिए भी बुखार के लिए पेरासिटामोल के अलावा अन्य कोई भी दवा बिना पूछे न दें। जो संक्रमित पहले से ही बीपी, शुगर या हार्ट, किडनी, लिवर के मर्ज की चपेट में है तो वो हालात बिगड़ने का इंतजार न करें। समय रहते अस्पताल में भर्ती होना ज्यादा बेहतर होगा। शरीर में फ्लूइड मैनेजमेंट सबसे अहम है। कई समस्या होने पर बेहतर होगा कि प्ट फ्लूइड के जरिए शरीर मे पानी की कमी न होने दी जाए। बस्ती के श्रीकृष्णा मिशन हॉस्पिटल में डेंगू के मरीजों का सफल इलाज हो रहा है। लक्षण दिखने पर समय रहते चिकित्सक के संपर्क में आयें। श्रीकृष्णा मिशन हॉस्पिटल, बांसी रोड, बरगदवा-बस्ती संपर्कः मो.न. 9918982900