यूपी डेस्कः माफिया अतीक के हत्यारों के नाम इस वक्त सुर्खियों में हैं। जांच टीम हत्यारों के गांव, परिवार और उनके कनेक्शन की विस्तार से जानकारी जुटा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तीनों हत्यारों के गांव में सन्नाटा है और परिजन ताला बंद करके फरार हो गये हैं। अतीक-अशरफ के मर्डर में सबसे चर्चित नाम बांद के लवलेश तिवारी का है।
इसके मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है। घर पर ताला लटका मिला। घर के सामने पड़ोसी का एक बच्चा गली में दिखाई दिया। उसने बताया कि सुबह जब वह सो कर उठा, तब से ही घर में ताला लगा है। पूरा परिवार कहीं चला गया है। एक दिन पहले लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी ने कहा था, ’हमारा बेटा हम लोगों के लिए ही मुसीबत बन गया। जब से उसका नाम अतीक और अशरफ मर्डर केस में आया है। आस-पास के लोग हमें शक की नजर से देख रहे हैं। उसकी वजह से मेरी नौकरी चली गई। सुबह ही स्कूल से फोन आया है कि अब मुझे स्कूल की बस चलाने की जरूरत नहीं है।’
दूसरा नाम सनी सिंह का है। इसका गांव छावनी में तब्दील, परिजन घर में कैद हैं। अतीक पर सिर पर गोली मारने वाले सनी सिंह के हमीरपुर के कुरारा गांव में सन्नाटा पसरा है। पूरे गांव में पुलिस तैनात है। सनी सिंह के घर के बाहर तो 15 से 20 पुलिस कर्मी तैनात मिले। नाम न छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाला पिंटू अब काफी टूट चुका है। वह काफी परेशान है। सनी दिनभर घूमता-फिरता रहता था। कोई काम नहीं करता था। हम लोगों को उसके बारे में कुछ पता नहीं है।
इलाके में पुलिस की गश्ती तेज है। हम डरे हुए हैं। सनी के भाई ने पिंटू ने एक दिन पहले बताया था कि माता-पिता की मौत के बाद से सनी घर छोड़कर चला गया था। इसके बाद से सनी गलत काम करने लगा। सनी सिंह के तीन भाई थे। उसके एक भाई की पहले ही मौत हो चुकी है। पुलिस रिकॉर्ड में सनी सिंह हिस्ट्रीशीटर है। उसके ऊपर 14 मुकदमें दर्ज हैं। तीसरा नाम अरुण मौर्य का है। इसके परिजन घर छोड़कर गायब हैं गांव छावनी में तब्दील हो चुका है। कासगंज के कादरवाड़ी गांव निवासी शूटर के घर वाले फरार हैं।
लेकिन उसके घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात मिले हैं। पुरा गांव छावनी में तब्दील है। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने बताया कि हत्याकांड की सूचना मिलते ही रविवार को पुलिस पूछताछ के लिए कासगंज के सोरों कोतवाली क्षेत्र के बघेला पुख्ता पहुंची। स्थानीय निवासी प्रभात कुमार सक्सेना ने बताया कि अरुण अपने बाबा मथुरा प्रसाद के साथ पानीपत में रहता है। कभी-कभार कासगंज आता है। उन्होंने बताया कि अरुण का जन्म भी पानीपत हरियाणा में हुआ है। उसके पिता का नाम दीपक मौर्य है। माता का नाम कैला देवी है। प्रभात कुमार ने बताया कि अरुण के पिता सोरों में ही गोलगप्पे का ठेला लगाते हैं। पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह परिवार के साथ कहीं चले गए हैं।