हर्रैया, बस्ती। श्रीमद्भागवत कथा मानव को मृत्यु लोक पर आवागमन से छुटकारा दिलाती है। जिसे गया में श्राद्ध से मुक्ति नही मिलती उसे श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मुक्ति मिल जाती है। बृंदावनधाम से पधारी कथा वाचिका प्रतिभा मिश्रा ने उक्त बातें कही। कथा वाचिका नगर पंचायत के वार्ड नंबर 13 मंगल पाण्डेय नगर भदासी में नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं को कथा का रसापान करा रही थी।
उन्होने कहा कि धुंधकारी ने जब अपने परिजनों पर अत्याचार शुरू किया तो गोकर्ण महराज घर छोडकर चले गए। उसने अपनी मां का भी वध कर दिया। उसके पिता भयभीत होकर वन में चले गए। धुंधकारी सभी बुरे कर्मो को करने लगा। एक दिन पांच गणिकाओं ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। कथा को विस्तार देते हुए कहा कि धुंधकारी प्रेत योनि में चला गया। इधर गोकर्ण महराज के स्वप्न में रूप बदलकर धुंधकारी दिखने लगा। गोकर्ण ने जप कर उसके ऊपर जल छिडका तो वह अपने असली रूप में आया और सारी घटनाओं को बताया। उन्होने कहा कि गोकर्ण महराज ने उसके निमित्त गया में श्राद्ध भी किया लेकिन मुक्ति नही मिली।
उन्होने भगवान सूर्य से धुंधकारी की मुक्ति का उपाय पूछा। भगवान सूर्य ने बताया कि यदि सात दिन श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया जाए तो से मुक्ति मिल जाएगी। गोकर्ण ने धुंधकारी का आवाह्न कर सात दिन तक श्रीमद्भागवत का पाठ किया। कथा के अंतिम दिन विमान आया और धुंधकारी को स्वर्ग की प्राप्ति हुई। इस मौके पर मुख्य यजमान मयंक पाण्डेय, शशांक पाण्डेय, पूर्व प्रधान शिवनरायन पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, श्यामाकांत पाण्डेय, अजय पाण्डेय, विजय पाण्डेय, शिशिर पाण्डेय, बादल, आयुष्मान, आयुषी, आरूष, प्रान्जल, पंडित केशवप्रसाद पाण्डेय, सामवेद पाण्डेय, राममूर्ति पाण्डेय, विवेक कांत, दयानिधि पाण्डेय, ब्रम्हानंद पाण्डेय, बिपिन, विपुल, कमलेश, राज, हेमन्त, अंजनी पाण्डेय सहित तमाम श्रोता मौजूद रहे।