देवरिया, 11 जून (ओपी श्रीवास्तव)। उत्तर प्रदेश में योगी जी की डबल इंजन की सरकार काम कर रही है और विकास एवं शान्ति के बड़े बड़े दावे किए जा रहे है। लेकिन प्रशासनिक अमला को न तो योगी जी से डर रहा है और ना ही मोदी जी से। परिणाम स्वरूप आम जनता आए दिन पीड़ा एवं शोषण का शिकार हो रही है।
आलम ये है कि अधिकारी शिकायतकर्ताओं को ही जेल भेज देते हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर कारखाना पर इलाज के लिए पहुंचे युवक ने डॉक्टर के आपत्तिजनक हालत में मिलने पर हंगामा मचा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने पकड़ कर चिकित्सक, महिला और युवक को थाने ले गई। लेकिन देर रात थाने पहुंचे चिकित्सक के परिजनों ने सत्ता पक्ष के कुछेक नेताओं के माध्यम से पुलिस पर दबाव बनाया। पुलिस ने चिकित्सक और महिला को छोड़ दिया एवं उल्टा शिकायतकर्ता युवक का शान्त भंग की आशंका चालान कर दिया।
इस संबंध में रात को ही चिकित्सक और महिला का वीडियो वायरल हो गया। वायरल वीडियो को लेकर दिनभर स्वास्थ्य और पुलिस विभाग में चर्चा चलती रही। इस संबंध में रामपुर कारखाना थाने के प्रभारी ने कहा कि आरोपी युवक पहले डॉक्टर साहब का चार पहिया वाहन चलाता था किसी कारणवश डॉक्टर साहब ने उसको निकाल दिया था इस वजह से वह नाराज था। उसने बीती रात हंगामा किया। यह पूछे जाने पर कि डॉक्टर साहब रात में किसी महिला के साथ कमरे में क्यों बंद थे थाना प्रभारी ने स्पष्ट रूप से कोई जवाब नहीं दिया।
यह भी पूछे जाने पर कि क्या कोई वीडियो वायरल हुआ है उन्होंने इससे इनकार कर दिया। जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश झा ने कई बार मोबाइल करने के बाद भी मोबाइल अटेंड नहीं किया इस वजह से घटनाक्रम के संबंध में किसी प्रकार का जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से नहीं मिल पाई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामपुर कारखाना के डुमरी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार की देर रात कुछ लोग दवा कराने के लिए आए थे। लेकिन मौके पर कोई डॉक्टर नहीं मिला। मरीज चिकित्सा कर्मियों को इधर-उधर खोजने लगे।
एक कमरे में टीवी चलने की आवाज आ रही थी। लोग बंद फाटक को खोलने के लिए कहने लगे। पर आधे घंटे तक कमरे से बाहर कोई नहीं निकला। शोर करने पर डॉक्टर साहब बड़ी मुश्किल से बाहर निकले लेकिन वे आपत्तिजनक हालत में मिले। अंदर से एक महिला भी पाई गई। बताया जाता है कि मौके पर मौजूद लोग उसका वीडियो भी बना लिए। हंगामा होने पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा डॉ एवं तथाकथित महिला तथा शिकायतकर्ता को लेकर थाने आई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों तथा आरोपी डॉक्टर एवं राजनीतिक दबाव में आकर पुलिस ने शिकायतकर्ता का ही चालान कर दिया। उक्त परिस्थितियों की के दृष्टिगत अब यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार में आम जनता की प्रशासन में कहीं कोई सुनवाई नहीं है। मोदी और योगी के दावे केवल बनावटी और दिखावटी प्रतीत होते है।