बस्ती, 19 नवम्बर। सूर्य उपासना के महापर्व छठ में नदी घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शहर से लेकर देहात तक व्रती महिलायें पूजा सामग्री के साथ नदी घाटों पर पहुंची, परिजन भी उनकी मदद को साथ गये। 36 घण्टे के इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की।
घाट पर जाने से पहले बांस की टोकरी को मौसमी फल, ठेकुआ, कसर, गन्ना और पूजा का सामान के साथ सजाया गया। मान्यताओं के अनुसार जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है। माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और ये अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ होते हैं। इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है, लम्बी आयु मिलती है और आर्थिक सम्पन्नता आती है। बस्ती जनपद मुख्यालय पर स्थित कुआनो नदी के अमहट घाट तथा निर्मली कुंड पर हजारों की संख्या में महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात महिलायें व्रत तोड़ेंगी। इस दौरान नदी घाटों पर पुलिस महकमे की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे।