बस्ती। जिले में अवैध स्कूलों, अस्पतालों तथा पैथालोजी सेण्टरों की भरमार है। दो कमरों का मकान लेकर फर्जी डाक्टरों के बोर्ड लगाकर लोग बड़ी आसानी से अस्पताल खोल रहे हैं और मरीजों की जान से खेल रहे हैं। इसी तरह टीन शेड में मानक के विपरीत स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। पैथालोजी सेण्टर जितने रजिस्टर्ड हैं उसका दो गुना फर्जी चल रहे हैं।
मोटी रकम लेने के बाद सम्बन्धित महकमों के जिम्मेदार मौन साध लेते हैं। ताजा मामला न्यू अवध हॉस्पिटल से जुड़ा है। खबर है कि यहां गर्भवती महिला को बंधक बनाकर उसका किया गया, बाद में जच्चा-बच्चा दोनो की मौत हो गई। मां और नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। बवाल होता देख हॉस्पिटल के डॉक्टर, कर्मचारी और संचालक फरार हो गए। महिला के परिजन की तहरीर पर पुलिस ने हास्पिटल के संचालक, डॉक्टर एवं वहां कार्यरत कर्मियों के विरूद्ध गैर इरादतन हत्या की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
सीएमओ ने हास्पिटल को सीज कर दिया है। इंक्वायरी के बाद हास्पिटल का लाइसेंस निरस्त करने की बात कही है। लालगंज के हेनौता निवासी बृजेश मिश्र ने बताया की उनकी भाभी सुधा मिश्रा पत्नी प्रदुम्न मिश्रा को इलाज के लिए 24 मई को रात एक बजे न्यू अवध हास्पिटल में भर्ती कराया गया। भोर में करीब 3 बजे हास्पिटल में कार्यरत डा. लवकुश पटेल आए और जच्चा-बच्चा के स्वस्थ होने की बात कही। अल्ट्रासाउंड कराया, रिपोर्ट देखने के बाद 50 हजार जमा करने को कहा। रुपए जमा करने के बाद अपराह्न 3 बजे उसकी भाभी को आपरेशन थियेटर में ले जाया गया। शाम करीब 5 बजे नवजात का शव सौंप दिया गया।
उसकी भाभी की मृत्यु की सूचना न देते हुए उसकी लाश को जबरिया एम्बुलेंस में रखवा दिया। जब परिजनों ने शक होने पर देखा तो उसकी भी सांस थम चुकी थी। इसके बाद परिजनों ने हास्पिटल के जिम्मेदारों को उनकी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए हंगामा किया। जिसके बाद हास्पिटल के डाक्टर और कर्मचारी वहां से भाग निकले। उनका कहना है कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में 6 माह की गर्भवती होने के बाद भी उसकी भाभी की नार्मल डिलीवरी कराई गई। सीएमओ डा. आरपी मिश्रा ने बताया कि हास्पिटल का निरीक्षण किया गया है। मौके पर कोई भी स्टाफ और अभिलेख नहीं मिल पाया है। हास्पिटल को सीज कर दिया गया है। जांच और अभिलेख के आधार पर अन्य आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।