बस्ती। जिले में लालगंज थाना क्षेत्र के कड़जा अजमतपुर गांव में जमीनी विवाद गहराता जा रहा है, स्थानीय पुलिस और राजस्व अधिकारियों ने सूझबूझ से काम नही लिया तो बड़ी घटना संभावित है। एक पक्ष के लोग काफी दबंग और झगड़ालू किस्म के हैं जो राजस्व अधिकारियों और स्थानीय पुलिस के सामने ही फौजदारी पर आमादा हो जाते हैं। जबकि दूसरा पक्ष कानूनी प्रक्रिया अख्तियार कर रहा है और झगड़ा झंझट से दूर भागता है। कड़जा अजमतपुर गांव के शिवचरन का कहना है कि आराजी संख्या 198 तथा 206 राजस्व अभिलेखों में उसके नाम से दर्ज है।
इसके कुछ हिस्से पर गांव के ही राजमणि पुत्र नन्दू कब्जा करना चाहते हैं। राजस्व अदालत के आदेश पर धारा 24 के तहत विवादित भूमि की पक्की पैमाइश करने पहुंचे राजस्व विभाग के अधिकारियों तथा स्थानीय पुलिस के सामने दबंगई दिखाते हुये राजमणि आदि ने पैमाइश के बाद गड़वाया गया पत्थर उखाड़ दिया। शिवचरन का कहना है कि राजमणि आदि राजस्व अधिकारियों और उनके परिवार को धमकियां दे रहे थे, पुलिस हाथ बांधकर खड़ी थी। घटना 22 जून की है।
उपजिलाधिकारी के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस फिर मौके पर पहुंची और पैमाइश कर चारों दिशाओं में पत्थर गड़वाया। लेकिन इस बार भी दुस्साहस दिखाते हुये राजमणि ने सबके सामने सरकारी पत्थर उखाड़कर फेंक दिया। उक्त मामले में शिवचरन की तहरीर पर लालगंज थाने में 10 जून, 22 जून और 28 जून को विपक्षी शिवम पाण्डेय, राजमणि पाण्डेय, मीरा तथा विजयलक्ष्मी, बालमुकुन्द के खिलाफ आईपीसी 323, 504, 506, 434, 352 के तहत मुकदम दर्ज हैं।
विपक्षी शिवचरन को जान ेस मारने की धमकियां दे रहे हैं। शिवचरण की पत्नी पर जानलेवा हमला पहले हो चुका है। बावजूद इसके पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नही की गई और न ही विवादित जमीन की पैमाइश करवाकर पत्थर गड़वा सके। सरकारी काम में बाधा उत्पन्न कर सरेआम कानून का मजाक करने वालों को या तो पुलिस का संरक्षण प्राप्त है या किसी सत्ताधारी नेता का। फिलहाल कड़जा अजमतपुर गांव में बड़ी घटना की पृष्ठभूमि तैयार होती दिखाई दे रही है।