यूपी डेस्कः. अभी हाल में हुये बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने टोकन वार्निंग के तौर पर अगले आदेश तक कर्मचारियों का एक माह का वेतन, पेंशन रोकने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार से अवैध हड़ताल से हुए नुकसान का ब्यौरा पेश करने को कहा है। इस मामले में सरकार व नेताओं का जवाब आने पर कोर्ट अंतिम फैसला लेगी।
यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि कोर्ट को कड़े कदम उठाने को बाध्य न होना पड़े, इसलिए हड़ताल दुहराई न जाए। नागरिकों को परेशानी नहीं उठानी पड़े। कोर्ट ने कहा हड़ताली भी समाज का हिस्सा है। उनके भी परिवार और बच्चे हैं, जिनके इलाज व पढ़ाई में समस्या उत्पन्न हुई होगी। यह ध्यान रखना चाहिए कि एक अंक कम होने से छात्र का भविष्य चौपट हो सकता है. बिजली न होने से छात्र की विफलता की भरपाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कर्मचारी अपनी मांग के समर्थन में विरोध का अन्य तरीका अपना सकते हैं. कोर्ट ने कहा कोविड- 19 के समय लोगों की मौतों से जीवन मूल्यों का अहसास हुआ, किंतु कर्मचारी नेता इसे भूल गए. अस्पताल और बैंक के कार्य में कोई रूकावट नहीं आनी चाहिए।