बस्ती जनपदवासियों को रिंग रोड का सपना दिखाया गया था, हालत ये है कि शहरी क्षेत्र में भी चलने के लिये शुद्ध सड़कें नहीं हैं। घटिया मानक पर बनी सड़के समय से पहले ही जवाब दे गयीं। तस्वीरें गवाही दे रही हैं, आप खुद देखिये, यहां सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क, कहना मुश्किल है। आये दिन लोग चोटिल हो रहे हैं लेकिन माननीयों को इसकी फिक्र नही है। देखा जाये तो बस्ती जनपद के लोग रिंग रोड का सपना देखने की कीमत चुका रहे हैं। क्योंकि रिंगरोड का सपना दिखाकर माननीय दोबारा चुनाव जीत गये थे।

जिस जनता ने भरोसा किया अब वह शहर के मुख्य मार्ग पर भी गड्ढों में चलने को मजबूर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, महगाई और बेतहाशा बढ़ते अपराधों से जुड़ी दुश्वारियां गिनायेंगे तो घण्टों लग जायेंगे। हमारे संवाददाता ने शहर के मालवीय रोड और ब्लाक रोड का फोटो वीडियो बनाया है, आप तक इन्हे पहुंचाकर हम इस बात का अहसास कराना चाहते हैं कि आपने अपने शहर के विकास को लेकर जो सपना देखा था वह किस कदर चकनाचूर हो रहा है।

ऐसी तमाम सड़के बस्ती जिले में हैं, लेकिन जो सबसे खराब है और जिन पर आवागमन ज्यादा है उसे हम दिखा रहे हैं। वैसे आजकल माननीय सवालों और जवाबदेही से मुंह चुराते हैं लेकिन समय समय पर कसौटियों पर कसना आपकी भी जिम्मेदारी है। आपकी लोकल गवर्नमेण्ट हो या लखनऊ में बैठी सरकार, सभी बुनियादी सवालों पर मौन हैं।

शहर में प्रधानमंत्री के उपलब्धियों की चित्र प्रदर्शनी लगी है लेकिन माननीयों को शहर की ये तस्वीरें नही दिखाई दे रही है जिन्हे देखकर जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है और दूसरे जिलों और प्रान्तों में बस्ती जनपद की नाक नीची हो रही है। फिलहाल आप उपलब्धियों का ढोल बजाते रहिये, जनता समय आने पर बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे पर यही जनता सवाल भी होगी और जवाब भी।
