बस्ती 21 जून। जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन ने आई.जी.आर.एस. प्रकरणों की समीक्षा किया। उन्होने पाया कि 38 प्रकरण डिफॉल्टर की श्रेणी में है। इसमें से सर्वाधिक डिफाल्टर प्रकरण सीडीओ के 06, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत के 05, उप जिलाधिकारी हरैया के 03, खण्ड विकास अधिकारी के 02, प्रभारी चिकित्साधिकारी, अधीक्षक गौर के 02 तथा सहायक विकास अधिकारी दुबौलिया के 02 है।
उन्होने इन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तीन कार्यदिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण उनके सम्मुख स्वयं प्रस्तुत होकर यह स्पष्ट करें कि क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जाय। साथ ही उन्होने प्राप्त फीडबैक एवं उनके आख्याओं के अवलोकन में पाया कि प्रकरणो के निस्तारण मे जनपदख्, तहसील, ब्लाक, थाना स्तर द्वारा गुणवत्ताहीन आख्याएं प्रेषित की जा रही हैं, जो कि जनपद की लगातार खराब रैकिंग का मुख्य कारण बने है। उन्होने कहा कि समय-समय पर शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रकरणो के निस्तारण में गुणवत्तापरक सुधार हेतु चेतावनी दी गयी थी, इसके बावजूद आप द्वारा कोई सुधार नहीं किया गया। उन्होने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप द्वारा, डिफाल्टर का समय से निस्तारण न किये जाने एवं शासनादेश के चेकलिस्ट में दिये गये निर्देशों का समुचित पालन न करते हुए प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण मे घोर लापरवाही बरती गई।