यूपी डेस्कः आगरा के कमला नगर एक्सटेंशन में रहने वाले 32 वर्षीय प्रशांत सांड के हमले से बुरी तरह घायल हो गये। घटना 16 अगस्त की है। उनकी हालत नाजुक है और वे जिंदगी मौत के बीच जूझ रहे हैं। घटना के दिन प्रशांत सुबह करीब 7 बजे अपनी साइकिल से दूध लेने जा रहे थे। वो सड़क पर बहुत ही आराम से चल रहे थे। उनके आगे एक स्कूटी सवार था। सामने से एक सांड तेजी से भागता आ रहा था।
उसे देखकर स्कूटी सवार साइड में हुआ तो प्रशांत की नजर उस पर पड़ी। प्रशांत ने भी अपनी साइकिल घुमा ली। मगर, सांड बहुत तेज आ रहा था। उसने प्रशांत पर हमला कर दिया। अचानक वह साइकिल से उछल पड़े। उनका सिर सड़क साइड में बने किनारे पर पड़ा। वो गिरते ही बेहोश हो गए। काफी देर तक उनको होश नहीं आया तो आसपास के लोगों ने उनके घर पर सूचना दी। परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे। बताया गया है कि पिछले पांच दिन से प्रशांत को होश नहीं आया है। वो कोमा में है। उनकी स्थिति ठीक नहीं है।
फेल है सरकार
छुट्टा पशुओं से नागरिकों को निजात दिलाने का वादा करने वाली सरकार अपना वादा नही निभा पाई। नतीजा ये है कि शहर से लेकर देहात तक आवारा जानवर नागरिकों के लिये मुसीबत बन गये। आये दिन लोग उनकी चपेट में आ रहे हैं, कुछ की जान चली जा रही है, कुछ बिकलांग हो जा रहे हैं तो कुछ इलाज के बाद ठीक हो रहे हैं। सरकार की वादाखिलाफी नागरिकों की जान पर बन आई है।
मुआवजे का प्रावधान
सांड के हमले से घायल होने पर मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है। इस प्रावधान के अनुसार 60 प्रतिशत जख्मी होने पर 2.5 लाख रूपये, 40 से 60 प्रतिशत तक अपंग होने पर 74 हजार रूपये, एक फ्ते से ज्यादा अस्पताल में एडमिट होने पर 16 हजार रूपये तथा मर जाने पर पीड़ित परिवारों को 5 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है।