हर्रैया, बस्ती। चौरासी कोसी परिक्रमा के दूसरे पड़ाव स्थल रामरेखा के रामजानकी मंदिर परिसर में मंगलवार को भव्य मेले का आयोजन हुआ। देर शाम तक क्षेत्र के लोगों ने मेले में जमकर खरीदारी किया। बच्चो ने झूले, सर्कस आदि का आनंद उठाया। मेले में आए श्रद्धालुओं को किसी बात परेशानी नहीं आए इसे ध्यान में रखते हुए मंदिर से जुड़े क्षेत्रीय कार्यकर्ता और थाने की पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही।
मान्यता के अनुसार त्रेतायुग में जनकपुर से अयोध्या लौटते समय भगवान श्रीराम, माता सीत और लक्षण इस स्थान पर विश्राम किए थे। विश्राम काल में माता सीता को प्यास लगी थी जब दूर-दूर तक जल नहीं मिला तो भगवान राम ने अपने बाण से रेखा खींच कर धरती से जल निकाल कर माता सीता का प्यास बुझाया था। इसी लिए इस स्थान व नदी का नाम रामरेखा पडा। रामरेखा नदी के तट पर बने रामजानकी मंदिर पर प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के तेरस के दिन मेला लगता है।
मेले के दिन सुबह क्षेत्र के लोग रामरेखा नदी में स्नान करके मंदिर में अन्नदान करते हैं। उसके बाद पूरा दिन घूम-घूम कर मेले का आनंद उठाते हैं। मेले में जनपद के अलावा अंबेडकरनगर, अयोध्या, संतकबीरनगर आदि के व्यवसाई दुकान लेकर आते है। मेले में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक रही। मेले में महिला सौंदर्य प्रसाधन, बच्चों के खिलौनों, मिट्टी के वर्तन, जलेबी, खोमचे, कुल्फी आदि की दूकानों पर काफी भीड़ देखने को मिली।
बच्चों ने झूले का भी आनंद उठाया। बभनगांवा, जद्दूपुर, अमोढ़ा, खानकला, पूरेहेमराज आदि गांव के लोग मंदिर के पुजारी बाबा दयाशंकर दास के साथ श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न आए देखरेख में लगे थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार ट्राफिक पुलिस जवान भी लगे थे। पुलिस खोया पाया केन्द्र लगाकर बिछड़े बच्चों को उनके परिवार से मिलाने का काम कर रही थी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए थानाध्यक्ष दुर्गेश पांडेय मय फोर्स मुस्तैद रहे।