बस्ती। योगी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी गौशाला योजना सुपर फ्लाप साबित हो रही हैं। हालत ये है कि चारा भूसा और समुचित इलाज के अभाव में गोवंश बेमौत मर रहे हैं और सत्ताधारी नेता 9 साल की उपलब्धियां गिनाने में व्यस्त हैं। जनपद में बने गौशालाओं का निरीक्षण करने कोई जनप्रतिनिधि नही जाता है। जिलाधिकारी कभी कभार निरीक्षण को पहुंचती हैं तो वह महज दिखावा बनकर रह जाता है। नगर पंचायत रुधौली के इंदिरा नगर वार्ड में स्थित कान्हा गौशाला का सभासद पंकज सिंह ने निरीक्षण किया।
मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि वर्तमान में 137 गायों का रजिस्ट्रेशन है जबकि मौके पर 85 से 90 गाय ही मौजूद मिलीं। कान्हा गौशाला के अंदर जाकर जानवरों की स्थिति देखा तो पता चला कि विगत कई दिनों से चारा ना मिलने से पशुओं की स्थिति दयनीय हो गई है। कई गोवंश ऐसे हैं जो भूख से बेबस होकर अपने दम पर खड़े तक नही हो पा रहे हैं। मामले की शिकायत संबंधित अधिकारियों से की गई है।
गौशाला में हरा चारा बिलकुल नही है, दाना भी कई दिनों से नही है। खाने के लिये जो भूसा मौके पर है उसमें गोबर मिला हुआ है। कान्हा गौशाला में बनी नाद खाली मिला। गौशाला में कार्यरत डॉक्टर रूम का निरीक्षण किया गया जहां पर फाटक टूटा हुआ पाया गया, डिस्पेंसरी के नाम पर महज कुछ ही दवाइयां इधर-उधर फेंकी मिली। इस बाबत डॉक्टर से जानकारी लेने पर पता चला फाटक टूट जाने से दवा का रखरखाव संभव नहीं है इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई लेकिन कोई कार्यवाही हुई। बदहाल व्यवस्था को देखते हुए सभासद ने अधिशासी अधिकारी से शिकायत की।
वे कार्यवाही करने की बजाय सभासद पंकज सिंह से उलझ पड़े और बोले गौशाला पर जाने की अनुमति किसने दी। शिकायतों के बाद अपर जिलाधिकारी कमलेश चंद्र ने मौके का निरीक्षण किया। मौके पर दो कर्मचारी मिले, जिस पर उन्होने नाराजगी जाहिर की। गौशाला के अंदर बदहाल व्यवस्था को देखकर संबंधित कर्मचारी को फटकार लगाते हुए सुपरवाइजर, डॉक्टर समेत अन्य को बुलाने का आदेश दिया। लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ था। हल्का लेखपाल अजय कुमार वर्मा सुपरवाइजर सुनील कुमार चौधरी को लेकर आये, इनसे काफर पूछताछ हुई।
सवालों का जवाब देते हुए वे घिरते नजर आए। एडीएम ने सुपरवाइजर से उपस्थिति रजिस्टर, डॉक्टर की उपस्थिति रजिस्टर, दवा सहित भूसा चारा आदि की जानकारी ली जो मौके पर नही मिला। सुनील चौधरी ने बताया कि ठेकेदार द्वारा 1 से 2 दिन में चारा और चोकर लाने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक नहीं आया। पूछताछ में पता चला कि कुल रजिस्टर में 124 गायों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। लेकिन गिनती में मात्र 81 गाये पाई गई। अपर जिलाधिकारी के चले जाने के बाद दुबारा गिनती में कुल 96 गोवंश मिले।
औचक निरीक्षण से असंतुष्ट अपर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी अतुल आनंद को बृहद तरीके से जांच करने और सुबह शाम एक लेखपाल की देखरेख में गोवंश को चारा दिलाने हेतु तैनाती करने का आदेश दिया। निरीक्षण के दौरान एक गोवंश की मृत्यु हो जाने के कारण संबंधित लोगों को फटकार लगाई। सभासद पंकज सिंह ने अपर जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए बताया कि अधिशासी अधिकारी अवनीश सिंह द्वारा वार्ता करने पर उनके साथ काफी अभद्रता किया गया।
उन्होंने कहा कि कान्हा गौशाला पर किसके परमिशन पर आप निरीक्षण करने पहुंचे हैं? और आप वहां से तुरंत निकाल जाओ वरना कर्मचारियों द्वारा आपके ऊपर कार्रवाई कराई जाएगी। इस पर अपर जिलाधिकारी कमलेश चंद्र ने अधिशासी अधिकारी अवनीश सिंह को फोन लगाया लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ मिला। उन्होने कार्यवाही करने की बात कही है। इस प्रकरण में उपजिलाधिकारी अतुल आनंद ने बताया आज एडीएम कमलेशचंद्र व मेरे द्वारा औचक निरीक्षण किया गया इस दौरान साफ सफाई का अभाव देखा गया। कई कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए हैं और यहां पर गोवंशो को खाने पीने की उचित व्यवस्था भी नहीं है। निरीक्षण के दौरान एक मृत गोवंश पाया गया जिसको लेकर संबंधित डॉक्टर से पूछताछ कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।