देवरिया (ओपी श्रीवास्तव)। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बिजली विभाग का दो करोड़ रुपये का नया केबल बेचकर ठेकेदार गायब हो गए। इतना ही नहीं कुछ गांवों से निकले पुराने तार और कबाड़ भी बेचकर अपनी जेब भर लिया है। इस मामले में प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने छह फर्मों के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मिली जानकारी के अनुसार बिजली निगम की एडीवी योजना के तहत जर्जर तार बदलकर केबल लगाने का कार्य लखनऊ की फर्म स्तंभ पावर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को मिला था।
इन्हें जिम्मेदारी दी गई थी कि कई दशकों से झूल रहे जर्जर तार और लटके पोल बदल कर नया केबल लगाया जाए। ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाए और जहां पर मरम्मत की जरूरत हो, वहां की जाए। काम बड़ा होने के कारण लखनऊ की फर्म ने जिला स्तर पर कई संस्थाओं को काम बांट दिया। इसके बाद सभी को उसरा बाजार गोदाम से सामान और केबल ले जाकर जर्जर तार की जगह पर केबल लगाने को कहा गया था।
निगम के अनुसार करीब दो करोड़ रुपये का केबल लेकर छह फर्म चली गईं। कुछ जगहों पर केबल लगाने के बाद उतारे गए जर्जर तार भी बेच दिए गए हैं। लखनऊ की फर्म ने इनके बारे जानकारी जुटानी शुरू की तो इसमें अधिकांश फर्म मालिकों के मोबाइल बंद बता रहे हैं। पत्राचार करने पर जवाब नहीं मिला है। इतना ही नहीं काम के बदले इन फर्मों को करीब 14 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है। इस मामले में प्रोजेक्ट डायरेक्ट की तहरीर पर छह के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई की गई है।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर के अनुसार इन फर्मों ने अगर समय से काम किया होता तो उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान हो जाता। जर्जर तार की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। अभी तक काम पूरा हो जाना चाहिए था। फर्मों को करीब 14 लाख भुगतान भी किया जा चुका है। एक फर्म मऊ की है, जिसका चार से पांच लाख रुपये बकाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नारायण डेवलपर के प्रोपराइटर रजनीश राय निवासी सिपहा, मोहम्मदाबाद, मऊ, केएमसी कंपनी के प्रो. सद्दाम हुसैन निवासी नवलपुर चौराहा थाना सलेमपुर देवरिया,
तिवारी इलेक्ट्रिकल के प्रो. राम अनुज तिवारी निवासी सहला मलकौली थाना सलेमपुर देवरिया, आरपीएम कन्स्ट्रक्शन के प्रो. रितेश मल्ल निवासी रामपुर लक्ष्मणपुर, देवरिया, विराट ट्रेडर्स के प्रो. देवप्रत मिश्रा निवासी महुई संग्राम, मगहरा चौराहा थाना खुखुंदू देवरिया और आकाश इंटरप्राइजेज के राजू कुशवाहा निवासी बरियारपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस संबंध में प्रोजेक्ट मैनेजर विपिन सिंह ने कहा कि करीब दो करोड़ रुपये का केबल छह फर्मों ने हड़प लिए हैं। इन्हें कई बार पत्र भेजकर केबल जमा करने को कहा भी गया, लेकिन जमा नहीं हुआ। इतना ही नहीं पुराने तार भी इन फर्मों ने बेच दिया है। काम के बदले इनका भुगतान भी किया जा चुका है।