लखनऊ 10 सितम्बर। लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने शिक्षकों के बीच में पैठ बनाने के लिये कमर कस ली है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय नेहरू भवन में हुई शिक्षक कांग्रेस की बैठक में शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई और शिक्षकों के बीच संगठन विस्तार पर भी रणनीति बनी, जिसमें शिक्षकों की सबसे बड़ी मांग पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भी बात रखी गई।
इसके साथ-साथ शिक्षक मेनिफेस्टो के माध्यम से शिक्षकों के बीच में संगठन विस्तार की रणनीति के साथ भाजपा सरकार द्वारा की जा रही शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की साजिश पर भी गंभीर चर्चा हुई और वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय जिसको भाजपा सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया हैं, उनके मानदेय के लिए आंदोलन की रणनीति बनी। बैठक का संचालन डा प्रमोद कुमार ने किया। बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, जिला-शहर अध्यक्ष, जिलों के अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य अतिथि दिनेश कुमार सिंह प्रदेश महासचिव प्रभारी प्रशासन ने कहा कि उत्तर प्रदेश सेवा शिक्षा चयन आयोग का गठन कर भाजपा सरकार संविधान की अवहेलना कर रही है।
चयन बोर्ड की धारा 18 व धारा 12 के द्वारा प्रदत्त मिली सेवा सुरक्षा को समाप्त कर शिक्षकों की नौकरी खत्म करना चाहती है। शिक्षक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह ने शिक्षकों की बैठक में कहा कि भारतीय जनता पार्टी शिक्षकों के भविष्य को खतरे में डाल रही है, सरकार की नीतियां सिर्फ और सिर्फ निजीकरण की तरफ है। शिक्षक जो समाज की नीव है और भारत के भविष्य के लिए दिन-रात काम करता है, उनके ही भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है। भाजपा द्वारा सभी आयोगों को समाप्त कर जो उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया जा रहा है वह सीधे तौर पर संविधान प्रदत्त अधिकारों की अवहेलना है।
डॉ मार्तंड सिंह ने वित्तविहीन शिक्षकों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि वित्त विहीन शिक्षक जो सिर्फ मानदेय पर ही शैक्षणिक कार्य कर देश की सेवा कर रहे हैं, आज भारतीय जनता पार्टी ने उनके मानदेय को समाप्त कर दिया है, जिससे उनके परिवार और भविष्य दोनो संकट में हैं, हम वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय के लिए आंदोलन करेंगे। बैठक में मुख्य रूप से शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ मार्तंड सिंह, प्रोफेसर यशपाल सिंह, प्रोफेसर पी0के0 पचौरी, संजीव कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, डॉ0 एच0एन0 उपाध्याय, कमलेश सिंह यादव, महासचिव श्रीमती निधि तिवारी, डॉक्टर एस के दुबे, शिव शंकर मौर्य, अरविंद कुमार, मोहम्मद शाहिद, शहर अध्यक्ष लखनऊ मोहम्मद आरिफ सहित सैकड़ो पदाधिकारी एवं शिक्षक मौजूद रहे।