लखनऊ (अथर्व श्रीवास्तव) प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिटी बस की महिला कंडक्टर से बदसलूकी के बाद विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गया। महिला का आरोप है कि वरिष्ठ केंद्र प्रभारी ने चेकिंग के दौरान उसके साथ बदसलूकी की। इस घटना के बाद बसों के ड्राइवर व कंडक्टरों ने केंद्र प्रभारी के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी के फलस्वरूप लखनऊ में बुधवार को सिटी बस सेवा ठप रही।
कुल 250 सिटी बसों में से मात्र 14 बसों का ही संचालन हो सका। मंगलवार को महिला कंडक्टर माधुरी सिटी बस लेकर दुबग्गा से मोहनलालगंज की ओर जा रही थीं। टिकट चेकिंग के दौरान डॉक्टर खेड़ा चौकी के पास 3 यात्री बिना टिकट के पाये गये। कंडक्टर माधुरी ने चेकिंग स्टाफ को बताया कि यह तीनों यात्री महज 100 मीटर पहले ही यात्रा शुरू किए हैं इसलिए उनका टिकट अभी नहीं बन पाया है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी माधुरी की बात सही ना मानते हुए उन पर तीनों यात्रियों से पैसा लेकर यात्रा करवाने का आरोप लगाया।
इसी बात पर विवाद बढ़ने लगा। माधुरी ने बताया कि वह अपने पक्ष में यात्रियों व लोगों का वीडियो बनाने लगीं। इसी दौरान अनिल तिवारी ने माधुरी को धक्का दे दिया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अभद्रता की। इसके बाद महिला के तबीयत बिगड़ने व निजी अस्पताल में भर्ती कराने की बात भी सामने आई। इस घटनाक्रम के बाद आक्रोशित ड्राइवर व कंडक्टरों ने मीटिंग की और बुधवार सुबह से ही हड़ताल पर चले गए। आक्रोशित परिचालकों की मांग है कि वरिष्ठ केंद्र प्रभारी को महानगरी परिवहन सेवा से बाहर किया जाए।
वहीं दूसरी तरफ अनिल तिवारी ने कहा कि बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिसमें अधिकारियों ने महिला कर्मचारी को ही दोषी पाया है। फिलहाल लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड दुबग्गा डिपो के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अनिल तिवारी को प्रबंध निदेशक कार्यालय से अटैच कर दिया गया है। इस घटना पर दुबग्गा बस डिपो के एआरएम मनोज शर्मा ने कहा कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कार्यवाही की जाएगी। हमने कर्मचारियों से बस सेवा बहाल करने की अपील की है।
करे कोई भरे आम जनता
महिला कंडक्टर के साथ हुई बदसलूकी के विरोध में सिटी बस सेवा बुधवार को ठप्प रही। बस का संचालन ना होने की वजह से शहर के आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रोजाना करीब 3 लाख लोग दैनिक यात्रा के लिए सिटी बसों पर ही निर्भर रहते हैं। इनमें से करीब 1लाख लोग सुबह ही यात्रा करते हैं। बस का संचालन न होने की वजह से लोग ऑटो व कैब से जाने को विवश हुए।ऑटो वालों ने मनमाना किराया वसूला। वहीं दूसरी ओर कैब बुक करने पर 20 प्रतिशत वृद्धि की बात भी सामने आयी। बहुतों के तो स्कूल छूट गए वहीं दफ्तरों पर भी लोग देर से पहुंचे।