You are currently viewing संविदा कर्मियों से परिषदीय शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों की जांच का मामला गरमायाः झूठी रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग

संविदा कर्मियों से परिषदीय शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों की जांच का मामला गरमायाः झूठी रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग

बस्ती। परिषदीय शिक्षकों का निरीक्षण सफाईकर्मी, रोजगार सेवक और पंचायत सहायकों द्वारा कराये जाने का मामला गरमाता जा रहा है। शिक्षक और उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पदाधिकारियों का कहना है कि वास्तविक रूप से लगभग 26 शिक्षक शिक्षा मित्र, अनुदेशक ही अनुपस्थित थे किन्तु जांच के नाम पर ऐसे शिक्षक भी अनुपस्थित दिखाये गये जो ऑन लाइन अवकाश पर थे।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह, जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा के साथ ही संघ पदाधिकारियों ने इस मामले को लेकर खण्ड विकास अधिकारियों और मुख्य विकास की अनुपस्थिति में उनके कार्यालय सहायक को साक्ष्य सहित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने कहा है कि भविष्य में परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण सफाईकर्मी, रोजगार सेवक और पंचायत सहायकों आदि से न कराया जाय। आवश्यकता पड़ने पर खण्ड शिक्षा अधिकारियों से ही जांच करायी जाय। संघ जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह ने कहा कि यह शिक्षकों का घोर अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने ज्ञापन सौंपने के बाद कहा कि अनुपस्थित शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों की वास्तविक संख्या की जगह गलत संख्या देने से समाज में शिक्षकों के प्रति गलत संदेश गया है। कहा कि 24 नवम्बर को पूर्व में ही गेरूतेग बहादुर जी के शहीद दिवस पर अवकाश घोषित था, देर शाम को शासन स्तर पर अवकाश निरस्त कर इसे 28 नवम्बर को घोषित कर दिया गया ,यह दुःखद है कि गुरूवार को अचानक सफाईकर्मी, रोजगार सेवक और पंचायत सहायक एवं उनके रिश्तेदार तक विद्यालयां की जांच करने पहुंच गये। यह समस्या बन गया है। ज्ञापन सौंपने वालों में संघ के जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव, संगठन मंत्री अखिलेश पाण्डेय, संयुक्त मंत्री राजेश गिरी, उपाध्यक्ष सुधीर तिवारी, उमाकान्त शुक्ल, राकेश सिंह, विवेक सिंह, प्रद्युम्न धर द्विवेदी, राजकुमार मधुकर, हरेन्द्र यादव, वैभव मिश्र, रजनीश यादव आदि शामिल रहे।