लखनऊ, 09 जुलाई। कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में दलितों, अति पिछड़ों के मिले संवैधानिक अधिकारों को छीनने के मामले मोदी शासनकाल अपनी सारी हदें लांघ चुका हैं। दलितों पिछड़ों के साथ घोर अत्याचार की खबरें सोशल मीडिया और मीडिया में लगातार देश में देखने को मिल रही हैं। आरएसएस व भारतीय जनता पार्टी की नफरत विघटन के एजेंडे ने सामाजिक बंटवारे की खाई को और चौड़ा कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि दलित पिछड़ों को घोड़ी पर बैठने पर, मूछ रखने पर, बीजेपी नेता द्वारा मध्य प्रदेश का पेशाब करने वाला मामला हो, अब यह ताजा मामला उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जहां एक दलित कर्मचारी से पैर चटवाने का घृणित कृत्य सामने आया हों तो यह स्पष्ट हो चुका है कि दलित पिछड़ों को मिले संवैधानिक अधिकार, आरक्षण को बीजेपी समाप्त करके ही दम लेगी। ऐसे वीभत्स कृत्य करके दलितों पिछड़ों में भय आतंक का वातावरण बनाकर उन्हें हमेशा हमेशा के लिए दबा कुचला बनाए रखना चाहती है।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि महज वोट के खातिर प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी सामाजिक न्याय की अपनी अकर्मण्यता और नाकामी को छुपाने के लिए किसी एक दलित को पकड़ कर कैमरे के सामने उसकी सेवा सत्कार करने का केवल अभिनय किया है। श्रीवास्तव ने बताया आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित तमाम प्रमुख बीजेपी नेताओं ने कई बार आरक्षण व्यवस्था की मुखालफत करते हुए पुनः आरक्षण समीक्षा की बात स्पष्ट रूप से कही है। देश भर में भाजपा सरकारें सामाजिक समरसता और प्रेम का वातावरण बनाने में पूरी तरीके से विफल साबित हुई हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि अति पिछड़ों दलितों को संवैधानिक अधिकार ना प्राप्त हो पाए इसलिए 2017 में सामाजिक न्याय के लिए गठित रोहिणी आयोग की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की जा रही है और 9 वर्षों में आयोग का कार्यकाल 16 से 17 बार बढ़ाया जा चुका है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2017 के तुरंत बाद सदन में आ चुकी जस्टिस राघवेंद्र कमेटी की 400 पन्ने की रिपोर्ट को भी मोदी सरकार ने दरकिनार कर दिया है जिसमें सामाजिक न्याय की पैरवी कर दी गई है। उक्त रिपोर्ट के अनुसार सामाजिक न्याय के लिए पिछड़े,अति पिछड़े और सार्वजनिक पिछड़ों को कैटिगराइज करने की बात कही गई है।