भरुच, गुजरात (बीके पाण्डेय)। बरसात का मौसम जिले में शुरु हो चुका है वहीं जर्जर ईमारतों के धाराशायी होने की संभावना भी प्रबल हो गई है। एैसे में भरुच जिले में स्थित डेढ़ हजार से ज्यादा सरकारी ईमारतों का सर्वे व डिजिटल मैपिंग का काम शुरु किया गया है। सरकार की ओर से मिली सूचना के आधार पर अलग अलग टीमों का गठन किया गया है।
यह टीम जिले में कितने जर्जरित ईमारत व भवन हैं व कितनी बिना उपयोग वाली ईमारते हैं इसकी जानकारी हासिल कर रिपोर्ट सरकार के पास प्रेषित करेगी। गांधीनगर स्थित मार्ग व मकान विभाग की ओर से राज्य के प्रत्येक जिले में से जर्जरित ईमारतों की पूरी जानकारी मांगी गई है। भरुच के जिला विकास अधिकारी पी.आर.जोशी ने बताया कि सभी सरकारी मकानों का सर्वे तथा डिजिटल मैपिंग का काम किया जा रहा है। कई सरकारी ईमारते जर्जरित है जिसे सर्वे के बाद नवीनीकरण कराया जायेगा। वर्तमान में बरसात का मौसम शुरु हो चुका है वहीं जर्जरित मकानों,ईमारतों के साथ सरकारी भवनों में कोई अप्रिय घटना न घटित हो इसके लिए जर्जरित सरकारी ईमारतों का सर्वे कर आने वाले दिनों में रिनोवेशन काम कराया जायेगा।
सर्वें में शामिल होगा यह बिन्दु
ईमारत आवासीय है या गैर आवासीय, ईमारत के निर्माण का वर्ष, ईमारत के निर्माण का क्षेत्रफल, ईमारत का उपयोग हो रहा है या नही, मकान भयजनक है व इसे उतारने लायक है या नही, रिपेयरिंग कर इस्तेमाल किया जा सकता है या नही।
तीन सौ से ज्यादा मकान जर्जर
पुराने भरुच शहर में तीन सौ से ज्यादा मकान जर्जर हालत में हैं व इनके मालिकों को कई साल से पालिका की ओर से नोटिस भेजी जाती है मगर मकान को उतारने के लिए कोई काम नही किया जाता है। हर साल बरसात में मकान गिरने की लगभग पांच से ज्यादा घटनाएं घटित होती रहती है। कई जर्जरित मकान बंद अवस्था में चल रहे हैं जो जीवित बम के समान खड़े हैं। लोगो ने इन मकानों का भी सर्वे कराने की मांग की है।